हरियाणा में विधानसभा चुनाव दो महीने में होने जा रहे हैं। लेकिन रणदीप सुरेजवाला भी राज्य की व्यवस्था से दूर हैं।बता दें कि कुमारी शैलजा और हुड्डा गुट में अक्सर तनातनी देखने को मिलती रहती है.
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा बढ़ी है। कांग्रेस और भाजपा ने राजनीतिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस ने तो हुड्डा गुट की तरफ से भी पदयात्रा निकाली है, और अब कुमारी शैलजा भी ऐसा कर रही हैं। विधानसभा चुनाव से पहले, हालांकि, कांग्रेस में एकता की कमी दिख रही है। कांग्रेस के गुटों में लगातार तनातनी देखने को मिल रहा है l
जुलाई के दूसरे सप्ताह में पूर्व प्रधानमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पदयात्रा की थी। उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने इस पदयात्रा का नेतृत्व किया। वह लगातार हरियाणा के कई जिलों में गया और यात्रा के दौरान भाजपा सरकार से कई प्रश्न पूछे। कांग्रेस ने अपनी पदयात्रा को हरियाणा मांगे हिसाब कहा। लेकिन इस पत्रयात्रा में कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा दूसरी थी। सैलजा अब पदयात्रा निकाल रही हैं और 27 जुलाई से अंबाला में पदयात्रा शुरू की है। यह पदयात्रा पोस्टर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बिल्कुल नहीं दिखाता है, जो अब कांग्रेस में विभाजित होने का संकेत देता है।
वहीं, एक निजी चैनल से बातचीत में शैलजा ने गुटबाजी के सवाल पर कहा कि यह गुटबाजी नहीं है, और जनवरी में हमने पदयात्रा निकाली थी, जो अब इसका हिस्सा है। जैसा कि पहले ही कहा गया है, अगला चरण अब शुरू हुआ है। हमारी लड़ाई दो तरह से हुई: पहला लोकसभा चुनाव था और दूसरा विधानसभा चुनाव था। हमने लोकसभा चुनाव में पांच सीटें जीती हैं, और अब हमारा लक्ष्य है कि यहां पर पुनर्गठन करेंगे।
उधर, एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए भूपिंदर हुड्डा से पूछा गया कि एक ओर दीपेन्द्र हुड्डा यात्रा निकाल रहे हैं और दूसरी ओर कुमारी शैलजा यात्रा निकाल रही हैं, और प्रदेश अध्यक्ष की फोटो भी यात्रा के पोस्टर्स में नहीं है? इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “वो सिर्फ कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं।”कांग्रेस में कोई गुटबंदी नहीं है, उन्होंने कहा। कांग्रेस मजबूत हो रही है। मैंने दावा किया है कि 36 विरादरी ने हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस भारी बहुमत से राज्य में सरकार बनाएगी।