कांग्रेस ने 3 जुलाई से टिकट के इच्छुकों से आवेदन लेना शुरू किया। पिछले 28 दिनों में, सभी 90 सीटों के लिए 2,000 से अधिक आवेदन आए हैं। इसके अलावा, बहुत से बड़े नेताओं ने टिकट के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है।
हरियाणा में लोकसभा चुनाव में जीत ने से कांग्रेस का उत्साह बढ़ा है। पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए राज्य की दस में से पांच लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस अब इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव पर ध्यान दे रही है, जिसमें उम्मीद है कि वह बेहतर होगा। लोकसभा में पार्टी का प्रदर्शन ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की फेहरिस्त लंबी कर दी है और टिकट के लिए अभी से प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है।
कांग्रेस ने टिकट दावेदारों के लिए हाल ही में एक प्रक्रिया शुरू की है। अब तक, इस प्रक्रिया से दो हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं। यह दिलचस्प है कि इन आवेदनों से कांग्रेस को लगभग ३ करोड़ रुपए मिल गए हैं।
2 हजार से अधिक आवेदन आए
3 जुलाई से कांग्रेस ने टिकट के इच्छुकों से आवेदन लेना शुरू किया। पिछले 28 दिनों में, सभी 90 सीटों के लिए 2,000 से अधिक आवेदन आए हैं। इसके अलावा, बहुत से बड़े नेताओं ने टिकट के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है।
अब तक हर सीट पर 22 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है। दलित बाहुल्य सीटों पर भी यह दावेदारी लगभग पच्चीस है। कांग्रेस ने दावेदारों की बड़ी संख्या को देखते हुए आवेदन की तारीख भी बढ़ा दी है। 10 अगस्त तक कांग्रेसी नेता हरियाणा में टिकट के लिए आवेदन कर सकेंगे। कांग्रेस ने समान्य वर्ग के लिए 20 हजार रुपये का आवेदन शुल्क निर्धारित किया है। दलित और महिलाओं से 5 से 5 हजार रुपये के आवेदन लिए गए हैं। नामांकन के फॉर्म से अब तक कांग्रेस को लगभग 3 करोड़ रुपए की कमाई हुई है, आवेदनों की संख्या के हिसाब से। सब धन सीधे कांग्रेस के कोष में जाएगा।
कांग्रेस में टिकट कैसे मिलते हैं?
1। कांग्रेस पहले आवेदकों का नाम लेती है। जिला निकाय इस नाम की जांच करता है। जिला इकाई से वैरिफाइड नाम प्रदेश कमेटी को भेजे जाते हैं। प्रदेश कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर लिस्ट कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपती है।
2. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार टिकट देने के लिए कम से कम दो सर्वे रिपोर्ट या फीडबैक का उपयोग किया जाता है। कांग्रेस हाईकमान एक सर्वे बनाता है, जिसकी दूसरी रिपोर्ट कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी बनाती है।
3। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी प्रदेश नेताओं के साथ मिलकर नामांकन से पहले सभी सीटों पर 2-3 नामों का पैनल बनाती है। कांग्रेस इलेक्शन कमेटी इन नामों को देखती है। जिन नामों पर सहमति होती है, वे तुरंत मंजूर किए जाते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष विवादित नाम पर अंतिम निर्णय लेते हैं।
4. नाम घोषित होने के बाद सभी उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल, यानी बी-फॉर्म प्रदेश अध्यक्ष मिलता है।
हरियाणा में ९० सीटों पर चुनाव होंगे
हरियाणा में ९० सीटें हैं। 2019 की तरह, कांग्रेस इस बार भी अकेले चुनाव करने की तैयारी कर रही है। 2019 में पार्टी ने 31 सीटें जीती थीं, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से पार्टी उत्साहित है। कांग्रेस ने 10 में से 5 लोकसभा सीट जीती हैं। इतना ही नहीं, पार्टी ने 42 सीटें हासिल की हैं। हरियाणा में सरकार बनाने के लिए हर दल को कम से कम 46 सीटों की आवश्यकता होती है।