हरियाणा का इतिहास पूरे भारत में लोकप्रिय है। यद्यपि इस राज्य की आबादी पूरे देश की दो प्रतिशत है, यह ओलंपिक खेलों में काफी महत्वपूर्ण है। हरियाणा देश के 33% ओलंपिक खिलाड़ियों का घर है। हरियाणा राज्य ने देश को पदक जिताने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत को कांस्य पदक दिलाया। तब से हरियाणा चर्चा में आया है।
वह उसके बाद सुर्खियों में बना रहा और लगातार कई पदक जीता है। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में भिवानी के मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने देश को पदक दिलाया था। 2020 टोक्यो ओलंपिक में हरियाणा के 30 खिलाड़ियों ने भाग लिया और एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीता।
अब तक हरियाणा के 130 खिलाड़ी ओलंपिक मे भाग ले चुके हैं
ध्यान दें कि हरियाणा के 23 खिलाड़ी फिलहाल पेरिस ओलंपिक में भाग ले रहे हैं, जिससे देश को अधिक पदक मिलने की उम्मीद है। हरियाणा के खिलाड़ी मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने अब तक कांस्य पदक जीते हैं। अब तक, यानी हरियाणा के खिलाड़ी 13 पदक जीत चुके हैं।
हरियाणा पर विश्वव्यापी ध्यान क्यों है?
हरियाणा के खिलाड़ी लगभग दो दशक से वैश्विक मंच ओलंपिक पर कीर्ति-पताका फहरा रहे हैं। पदक सिडनी ओलंपिक से शुरू हुआ था। तब से हरियाणा की खेल प्रतिभाओं के प्रति देश-दुनिया की आशा बनी रहती है। अब देखना है कि हरियाणा इस साल पेरिस ओलंपिक में देश को कितने मेडल दिला सकता है।