राव स्टडी सेंटर हादसा: मजिस्ट्रेट जांच में एमसीडी और फायर डिपार्टमेंट दोषी

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नई दिल्ली: राव कोचिंग सेंटर में एक बड़ी परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत की जांच में पाया गया कि जिस इमारत में वे रह रहे थे, उसमें सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया था। प्रभारी लोगों को इन समस्याओं के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने उन्हें ठीक करने के लिए कुछ नहीं किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अध्ययन केंद्र चलाने वाली संस्था इसके लिए दोषी है। रिपोर्ट एक सरकारी अधिकारी को दी गई है।

रिपोर्ट में पाया गया कि राव कोचिंग सेंटर के प्रभारी लोग सावधानी नहीं बरत रहे थे और बेसमेंट में खतरनाक काम कर रहे थे जिससे छात्रों की जान खतरे में पड़ रही थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बिल्डिंग में नियमों का पालन नहीं किया गया और शहर के अधिकारियों को इस बारे में पता था लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं किया।

लोगों के एक समूह ने एक समस्या पर गौर किया और 15 अलग-अलग लोगों से बात की, जिसमें बच्चे और बड़े भी शामिल थे। उन्हें पता चला कि शहर ने एक नाले की सफाई नहीं की है, जिससे इलाके में बाढ़ आ सकती है। नालों की सफाई पिछले पांच सालों से नहीं की गई है। साथ ही, अग्निशमन विभाग ने शहर को यह नहीं बताया कि एक बेसमेंट का इस्तेमाल लाइब्रेरी के तौर पर किया जा रहा है।


चार सहमालिकों की जमानत याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब

अदालत ने बुधवार को राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुए हादसे के मामले में जेल में बंद चार सह-मालिकों की जमानत याचिकाओं पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है। नौ अगस्त तक केंद्रीय जांच एजेंसी को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चंदना ने अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत चार आरोपी परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी इसके बाद।


अदालत ने कहा कि वह आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला नहीं ले सकती क्योंकि वे एफआईआर की कॉपी नहीं लाए हैं। हाईकोर्ट ने कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुई मौतों की जांच सीबीआई को सौंप दी।

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