दिल्ली में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। ये मामला 2017 का है, जब एक व्यक्ति ने 5 साल की बच्ची को दुष्कर्म करके मार डाला था।
रोहिणी कोर्ट ने आरोपित को पत्थर से कुचलकर पांच वर्षीय बच्ची की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि बच्ची पर आरोपित क्रूरता आपराधिक मानसिकता का संकेत है। पीठ ने आरोपित को दुष्कर्म व हत्या का दोषी ठहराया।
16 साल की नबलक उम्र में किया था अपराध
विशेष सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत की अदालत ने कहा कि आरोपित ने पहले पांच वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया और फिर उसके सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। न्यायालय ने तीन अगस्त के आदेश में कहा कि ऐसा जघन्य अपराध एक नाबालिग के प्रति क्रूरता और उसके आपराधिक मनोविज्ञान को स्पष्ट करता है। न्यायालय ने कहा कि आरोपित 16 वर्ष का था जब वह अपराध किया था, आज 25 वर्ष का है।
न्यायालय ने कहा कि उसे आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है, जिसमें रिहाई की संभावना है। सीसीएल ने किए गए अपराधों के लिए न्यूनतम सजा भुगतने का आदेश दिया है। बाद में अदालत ने दोषी को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
ऐसी ख़तरनाक मानसिकता है की कोई पछताबा भी नाही
अदालत ने यह भी कहा कि लड़के से उसके व्यक्तिगत जीवन और भविष्य के प्रति उसकी सोच को लेकर बातचीत हुई तो साफ झलक रहा था कि उसकी मानसिकता बिल्कुल नकारात्मक है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘उसे अपने किए पर तनिक भी पछतावा नहीं था। चूंकि वह अब भी अपराध में लिप्त है और उसे पछतावा भी नहीं होता है, इसका मतलब है कि उसमें कोई सुधार नहीं है।’ उसने कहा कि लड़के को बिना सुधार छोड़ दिया गया तो वह संभवतः अन्य अपराधों को अंजाम देगा। कोर्ट ने कहा कि लड़के का क्रिमिनल रेकॉर्ड हमारे इस आकलन की पुष्टि करता है।