कंटेनर में 384 गत्ता पेटियां पाई गईं। इनमें कफ सिरप नामक भारी मात्रा में नशे में प्रयोग होने वाली दवा मिली। हर गत्ता पेटी में सौ शीशी मिली। ड्रग विभाग से मुंशी राम भी मौके पर आए। उन्होंने बताया कि बरामद दवा की हर शीशी नशीली पदार्थों की श्रेणी में आती है, जो कानून के खिलाफ हैं।
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) की एक टीम ने सोनीपत के कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) के गांव बढ़मलिक में नशे में प्रयोग होने वाली प्रतिबंधित दवाओं की एक खेप पकड़ी है। दवाओं से भरा कंटेनर लावारिस हालत में पुलिस ने पकड़ा है। उसमें 76.80 लाख रुपये की कीमत की नशे की दवाएं मिली हैं। झज्जर के गांव गोच्छी के जितेंद्र और बेरी के सुधीर को मामले में नामजद किया गया है।
राई थाना पुलिस ने रोहतक टीम में नियुक्त जयबीर सिंह से कहा कि वह बुधवार रात टीम के साथ बीसवां मील के पास थे। उस समय, गांव बढ़ मलिक के पास केएमपी पर एक लावारिस कंटेनर नशे में प्रयोग होने वाली प्रतिबंधित दवाओं से भरा था। जितेंद्र और सुधीर कंटेनर हैं, ऐसा पता चला। साथ ही दोनों के मोबाइल नंबर पुलिस को दिए गए। जब सूचना अधिकारियों को दी गई, तो कंटेनर वहीं खड़ा था। कोई चालक नहीं था।
कंटेनर में प्रतिबंधित दवा होने की आशंका से एसीपी क्राइम ब्रांच ने राजपाल सिंह को सूचना दी और मौके पर बुलाया। फोटोग्राफर और उनकी उपस्थिति में कंटेनर को खोला गया, जिसमें प्लास्टिक के 200 बोरे मिले। परीक्षण के दौरान, उनके निर्देशक को पान मसाला के पैकेट सहित कई सामान के कार्टून मिले। कंटेनर में 384 गत्ता पेटियां पाई गईं।
इनमें कफ सिरप नामक भारी मात्रा में नशे में प्रयोग होने वाली दवा मिली। हर गत्ता पेटी में सौ शीशी मिली। ड्रग विभाग से मुंशी राम भी मौके पर आए। उन्होंने बताया कि बरामद दवा की हर शीशी नशीली पदार्थों की श्रेणी में आती है, जो कानून के खिलाफ हैं। पुलिस ने शिकायत दर्ज की है।
13 किलो 890 ग्राम चरस सहित एक तस्कर को पुलिस ने एक दिन पहले ही केजीपी पर गिरफ्तार किया था। आरोपी बिजेंद्र गांव भावड़ का निवासी था। आरोपी 28 पैकेट चरस कार में लेकर जा रहा था।