हिंडेनबर्ग रिसर्च का मानना है कि सेबी शायद अडानी समूह के मामले में कुछ नहीं कर रही है, क्योंकि सेबी के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति ने अडानी समूह से जुड़े फंडों में निवेश किया हुआ है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और इसकी प्रमुख माधवी पुरी बुच मुश्किल में हैं, क्योंकि अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च नामक कंपनी की एक रिपोर्ट में उनके बारे में कुछ बुरी बातें कही गई हैं। अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मामले में तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले सेबी की प्रतिष्ठा को उसके चेयरपर्सन पर लगे आरोपों ने गंभीर रूप से ठेस पहुंचाई है।
उन्होंने कहा, ‘देश भर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार के लिए महत्वपूर्ण सवाल हैं- सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अदाणी? सामने आए नए और बेहद गंभीर आरोपों के मद्देनजर क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले की फिर से स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा?’ उन्होंने कहा कि अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी जेपीसी जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या पता चल सकता है।