यमुना का जलस्तर चेतावनी निशान तक पहुंच गया है. इससे नदी के निचले हिस्से में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. ऐसी स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अपनी नजरें चौड़ी कर ली हैं. प्रशासन ने यमुना खादर इलाके में प्रचार शुरू कर दिया है.
बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक हथिनी कुंड बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. सोमवार शाम पांच बजे तक 23065 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पुराने लोहा पुल के पास यमुना का जलस्तर करीब 203.76 मीटर मापा गया। यहां चेतावनी का स्तर 204.5 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है.
वहीं, दिल्ली समेत उत्तर भारत में होने वाली भारी बारिश के चलते अगर हरियाणा के हथिनी कुंड बांध का जलस्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ गया तो अचानक एक साथ बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा सकता है . रविवार को यमुना का पानी 202.68 मीटर था, जबकि शनिवार को 202.84 मीटर था।
पिछले साल यमुना का पानी बढ़ने से यमुना के आसपास के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था. इस दौरान लोगों को अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के साथ राहत शिविरों में कई दिन बिताने पड़े। साथ ही करीब दो महीने तक बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित रही. मयूर विहार के पास यमुना पुस्ता में रहने वाले किसान हरिओम कुमार ने कहा कि यमुना नदी में पानी डालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में यमुना किनारे रहने वाले लोगों को बाढ़ का डर सताने लगता है. लोगों को डर है कि पिछले साल की तरह इस साल भी उन्हें बाढ़ का सामना करना पड़ेगा.