दिल्ली के सीएम और आबकारी नीति से संबंधित करप्शन मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल को अभी तक सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अपील पर सुनवाई के दौरान सीबीआई से उत्तर देने को कहा है। प्रधानमंत्री केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की गिरफ्तारी और जमानत की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई से नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है, और 23 अगस्त को अगली सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई है।
मामले की सुनवाई बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच में हुई। मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें तीन बार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत मिली है। जबकि पीएमएलए की धारा-45 मनी लॉन्ड्रिंग केस में बहुत कठोर है। सिंघवी ने कहा कि 20 जून को केजरीवाल को निचली अदालत ने नियमित जमानत दी थी, जिस पर बाद में हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। 10 मई को पीएमएलए केस में ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी और 12 जुलाई को फिर से दी गई।
सिंघवी ने अपनी बहस में आश्चर्य व्यक्त किया कि केजलीवाल को सख्त प्रावधान वाले पीएमएलए मामले में जमानत मिल चुकी है, इसलिए उन्हें सीबीआई मामले में जमानत से कैसे रोका गया? उन्हें एक करप्शन मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। PMLA केस की तरह करप्शन केस में जमानत की शर्त सख्त नहीं है। साथ ही, उन्होंने दलील दी कि 26 जून को सीबीआई ने केजरीवाल को ED केस में अंतरिम जमानत दे दी थी।
अरविंद केजरीवाल ने पांच अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। यह मामला सोमवार को चीफ जस्टिस के सामने मेंशन किया गया था और जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस ने फिर कहा कि वह जल्द ही सुनवाई पर विचार करेंगे। फिर मामले को बुधवार को सुनवाई के लिए रखा गया। 26 जून 2024 को, केजरीवाल को सीबीआई ने औपचारिक गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने 21 मार्च 2024 को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और सीबीआई ने उन्हें करप्शन केस में भी गिरफ्तार किया था।