दिल्ली के चर्चित रिश्वत कांड में भी एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर (टीआई) गिरफ्तार हुआ है। वास्तव में, वरिष्ठ अधिकारियों ने टीआई को भी लाइन हाजिर कर दिया क्योंकि वे इतने बड़े अपराध को अपनी लापरवाही का परिणाम मानते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह ठीक उसी तरह है जैसे थानों के एसएचओ को सीबीआई ट्रैप में गिरफ्तार किया जाता है जब पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हैं। अजय चौधरी, स्पेशल सीपी ट्रैफिक जोन-1 और स्पेशल सीपी ट्रैफिक जोन-2 ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर को लाइन पर उपस्थित होने की पुष्टि की।
Sandesh Times के संवाददाता ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट पर दो वीडियो पोस्ट किए। वीडियो गाजीपुर थाने के सामने बनी एक झोपड़ी से लिया गया था, जहां कल्याणपुर ट्रैफिक सर्कल के पुलिसकर्मी रिश्वत लेते थे। एक वीडियो में ट्रैफिक पुलिस का एसआई चालान या गाड़ी जब्त नहीं करने की एवज में रिश्वत लेता दिख रहा था। दूसरे वीडियो में एक अन्य पुलिसकर्मी और दो एएसआई रिश्वत के पैसे को आपस में बाँटते दिख रहे हैं।
यह पोस्ट देखते ही फैल गया। कुछ घंटों बाद, इस पोस्ट को राज निवास दिल्ली के पूर्व हैंडल से कोट करते हुए पुनः पोस्ट किया गया। उसने बताया कि “इस पोस्ट पर संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक जांच के बाद उक्त तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।” उनके खिलाफ भी विभागीय जांच चल रही है।रविवार को आला अधिकारियों ने इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर को भी लाइन हाजिर किया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वायरल वीडियो किसी सीसीटीवी कैमरे से नहीं बनाया गया था, बल्कि किसी ने पुलिस अड्डे में घुसकर एक सफाई से हिडन कैमरा लगाया था। उनकी करतूत को कैद करने के बाद उसे भी उतार दिया गया। यही कारण है कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही विभाग में एक मजाक बन गई है। अब तक की जांच और पूछताछ ने बताया कि हिडन कैमरा लगाने वाला यू-ट्यूबर है। उसके साथ दो अन्य व्यक्ति थे।