सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा राज्यसभा चुनाव में एक सीट जीतना आसान हो गया है। दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद हरियाणा में खाली हुई एक राज्यसभा सीट के लिए 14 अगस्त को चुनाव होने की घोषणा हो चुकी है। विधानसभा में विधायकों की संख्या से स्पष्ट है कि भाजपा यह सीट निश्चित रूप से जीत लेगी।
2026 तक राज्यसभा के चुने जाने वाले सदस्यों का कार्यकाल चलेगा। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं। अब तक, जननायक जनता पार्टी (जजपा) से पांच विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।यह विधायक निर्वाचन के आधार पर जेजेपी के विधायक हैं, लेकिन अब राजनीतिक रूप से राज्यसभा में वोट डालने के लिए स्वतंत्र हैं। भाजपा के दो विधायक पहले से ही भाजपा में शामिल हैं।विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी छोड़ने वाले पांच विधायकों में से तीन बीजेपी में जा सकते हैं।कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से राज्यसभा चुनाव से ध्यान हटाकर पूरा ध्यान विधानसभा का पर केंद्रित कर दिया है। हरियाणा के बदले हुए राजनीतिक हालातों के बीच भाजपा राज्यसभा चुनाव को लेकर मजबूत हो गई है।
कांग्रेस की चुप्पी से स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष इस सीट पर कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगा। सोमवार की रात या मंगलवार को बीजेपी इस सीट पर एक प्रत्याशी घोषित कर सकती है। 21 अगस्त तक नामांकन-पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। 22 अगस्त को नामांकन-पत्रों की जांच होगी, और 27 अगस्त को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख होगी। तीन सितंबर को मतदान होगा अगर चुनाव मैदान में दो प्रत्याशी हैं। अन्यथा, 27 अगस्त को भाजपा का निर्विरोध राज्यसभा में जाना तय है।