दिल्ली के मध्य में स्थित आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर हर दिन हजारों इंटरस्टेट और शहरी बसें आती-जाती हैं। इससे बस अड्डे के आस-पास की सड़कों पर हमेशा ट्रैफिक कंजेशन रहता है और लोगों को परेशानी होती है। इससे इंटरस्टेट बसों की भीड़भाड़ कम करने की योजना बनाई जा रही है। यह लक्ष्य है कि हरियाणा से सिंघु और टीकरी बॉर्डर के रास्ते आने वाली बसों को दिल्ली के अंदर लंबी दूरी तय करके कश्मीरी गेट तक नहीं जाना पड़े, बल्कि बॉर्डर के आसपास ही रुकें. इसके लिए टीकरी बॉर्डर के पास एक नया इंटरस्टेट बस अड्डा बनाया जाएगा।
परिवहन विभाग के सूत्रों ने बताया कि एलजी ने पिछले हफ्ते ट्रैफिक व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में एलजी को बस अड्डे से कुछ बसों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की योजना पर विचार करने का आदेश दिया गया था, जिससे कश्मीरी गेट के आसपास ट्रैफिक कंजेशन कम हो जाएगा। यह निर्देश मिलने के बाद परिवहन विभाग ने इस योजना पर काम शुरू किया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के पास रोहतक रोड पर पीडब्ल्यूडी की लगभग 7 एकड़ जमीन खाली है।उसी पर यह बस अड्डा बनाने की योजना है। इस बारे में सरकार का रुख जानने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक प्रपोजल भेजा था, जिस पर सरकार ने पहले ही इन-प्रिंसिपल अप्रूवल दे दिया है। वह जगह बस अड्डा बनाने के लिए बहुत मुफीद है, क्योंकि न केवल टीकरी बॉर्डर से आने वाली, बल्कि सिंघु बॉर्डर के रास्ते हरियाणा से आने वाली बसों को भी आसानी से वहां डायवर्ट किया जा सकता है।
हालांकि, गहलोत ने यह भी साफ किया कि कश्मीरी गेट से पहले की तरह इंटरस्टेट बसों का परिचालन जारी रहेगा, लेकिन कुछ रूटों की बसों को टीकरी बॉर्डर वाले बस अड्डे पर शिफ्ट करने से कश्मीरी गेट पर दबाव कम होगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों को जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है।वहीं, एयरोसिटी मेट्रो स्टेशन के पास भी जीएमआर के सहयोग से एक बस अड्डा बनाने की योजना है। द्वारका सेक्टर-25 में यशोभूमि के पास भी इंटरस्टेट बस अड्डे के निर्माण के लिए जगह चिह्नित की जा चुकी है। इन योजनाओं से न केवल दिल्ली में कंजेशन कम होगा, बल्कि प्रदूषण को और कम करने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि ज्यादातर इंटरस्टेट बसें बॉर्डर एरिया के आस-पास ही रुक जाएंगी और उन्हें दूर तक चलकर शहर के बीचोंबीच नहीं आना पड़ेगा।