Delhi में डेंगू की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। दिल्ली में जनवरी से अब तक 300 से अधिक लोग डेंगू से मर चुके हैं। 28 मरीजों को MD के तीन अलग-अलग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। ज्यादातर मरीज स्वस्थ हो गए हैं और घर चले गए हैं। एमसीडी के पब्लिक हेल्थ विभाग ने कहा कि आने वाले दो महीने सबसे खतरनाक होंगे। दिल्लीवासियों को डेंगू से बचने के लिए लगातार सतर्कता बरतनी चाहिए।एमसीडी हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि 1 अगस्त 2024 से 22 अगस्त 2024 के बीच 28 मामले डेंगू के सामने आए हैं। इनमें से 10 मरीज हिंदूराव हॉस्पिटल में भर्ती हैं, 14 मरीज कस्तूरबा हॉस्पिटल में और 4 मरीज स्वामी दयानंद हॉस्पिटल में हैं। जुलाई में डेंगू के 20 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से बारह मरीज कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती हुए, जबकि आठ मरीज हिंदूराव अस्पताल में भर्ती हुए। ज्यादातर मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। फिलहाल, केवल तीन मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से दो मरीज हिंदूराव अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि एक मरीज कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती है।अगस्त में जुलाई की तुलना में अधिक बरसात हुई है साथ ही डेंगू के मामले भी बढे हैं। दिल्ली में बरसात जारी है, वे कहते हैं। इससे बरसाती पानी जमा होने वाले स्थानों पर डेंगू के मच्छर पैदा होंगे। इसके लिए लोगों को लगातार सतर्क रहना चाहिए। पिछले वर्ष के आंकड़ों को देखकर हॉस्पिटल प्रशासन को कुछ राहत मिली है। क्योंकि जुलाई 2023 में 29 मामले डेंगू से सामने आए थे वहीं, अगस्त में डेंगू के मरीजों की संख्या लगभग 160 हो गई थी। वहीं, मलेरिया के मामलों में फिलहाल राहत है। 2024 से अगस्त तक, मलेरिया के 16 मामले सामने आए हैं।जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 25 मरीजों का था।MD ने डेंगू के मरीजों के लिए 167 बेड आरक्षित किए हैं। हिंदूराव हॉस्पिटल में 70 बेड, कस्तूरबा में 75 बेड और स्वामी दयानंद हॉस्पिटल में 22 बेड आरक्षित हैं। तीनों हॉस्पिटल में डेंगू के मरीजों के लिए पर्याप्त मच्छरदानी है। डेंगू और मलेरिया के मरीजों के लिए टेस्टिंग किटों के अलावा दवा के भंडार की भरपूर व्यवस्था है। तीनों अस्पताल में ब्लड बैंक हर समय उपलब्ध रहेगा।