यह भूख हड़ताल 11 अगस्त को शुरू हुई थी। छात्र संघ ने दावा करते हुए कहा कि भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की तबीयत खराब हो रही है।जेएनयू प्रशासन और छात्र संघ के बीच चल रहा विवाद जल्द ही खत्म हो सकता है। दोनों पक्षों ने कई मांगों पर समझौता कर लिया है। विश्वविद्यालय प्रदर्शनकारी छात्र संघ ने कम से कम छह महत्वपूर्ण मांगों को पूरा करने पर समझौता किया है। इनमें प्रवेश के लिए मौखिक परीक्षा के वेटेज में कमी, पुरानी इन-हाउस प्रवेश परीक्षा को वापस लेना, जेएनयू प्रवेश परीक्षा (JNUEE) को वापस लेना, परिसर में जातिगत जनगणना करना और जेएनयू प्रवेश परीक्षा को बहाल करना शामिल हैं। इन घटनाओं के बावजूद छात्रसंघ ने अपनी विरोध प्रदर्शन जारी रखा है।जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष धनंजय और पार्षद नीतीश कुमार सोमवार को भूख हड़ताल पर रहे। उन्हें जेएनयू प्रशासन से लिखित पुष्टि की मांग है। 11 अगस्त को भूख हड़ताल शुरू हुई। छात्र संघ ने दावा किया कि भूख हड़ताल पर बैठे विद्यार्थियों की हालत खराब हो रही है। धनंजय का वजन पांच किलो से अधिक कम हो गया है, उन्होंने कहा। नीतीश का वजन भी लगभग सात किलो घट गया है। वह बहुत बदतर हो गए हैं। इसके अलावा, उनके मांसपेशियों और जोड़ों में गंभीर दर्द है। Janus University पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर है।