केंद्रीय निर्वाचन आयोग, चुनावों में अधिक से अधिक मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए, छुट्टियों और त्योहारों के बीच पड़ रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख को बदल सकता है, जो फिलहाल अक्टूबर में हो रही है। यह अधिक संभावना है कि अक्टूबर से पहले, यानी 25 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के चुनाव के साथ पूरा हो जाएगा। कुछ लोगों का विचार है कि तिथि को पहले करने की जगह आगे बढ़ा देना चाहिए।इस पर अंतिम फैसला मंगलवार को होगा, लेकिन अधिक उम्मीद तिथि पहले करने की है क्योंकि ऐसी स्थिति में मतगणना की तिथि आगे नहीं बढ़ानी पड़ेगी। वैसे भी नौ अक्टूबर से दुर्गा पूजा की भी शुरुआत हो रही है।भाजपा ने मतदान के आगे-पीछे लंबी छुट्टियां और त्योहारों की वजह से हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदान की तिथि में बदलाव की मांग बढ़ी है।भाजपा राज्य इकाई ने कहा कि छुट्टियों के चलते लोग राज्य छोड़ सकते हैं, इसलिए मतदान प्रतिशत में गिरावट हो सकती है। बाद में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने भी इस मांग का समर्थन किया। इसके साथ ही बिश्नोई समाज ने त्योहार की वजह से मतदान की तिथि को बदलने की मांग की।आयोग से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि, छुट्टियों और छुट्टियों के दौरान मतदान कराने के अपने पूर्व अनुभवों से आयोग ने राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की मांगों को समझ लिया है। इस मुद्दे पर चुनाव आयोग मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाला है, जिसमें निर्णय लिया जा सकता है। आयोग को अक्टूबर से पहले या उसके बाद इसे कराने का अधिकार है।फिलहाल चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने को लेकर राज्य में राजनीति शुरू हो गई है और कांग्रेस सहित दूसरे दल इसे भाजपा की हार का डर बता रहे हैं। वहीं भाजपा ने पलटवार किया कि वह आज चुनाव हो तो उसके लिए भी तैयार है। हालांकि आधिकारिक तौर पर चुनाव आयोग के फैसले के बाद राज्य की दोनों मुख्य पार्टियों ने अपनी रणनीति में बदलाव का पूरा खाका तैयार कर लिया है।भाजपा ने मतदान की तिथि में बदलाव की मांग करते हुए लंबी छुट्टियों की योजना का हवाला दिया। वास्तव में, शनिवार और रविवार, 28 सितंबर और 29 सितंबर को छुट्टी होगी. एक अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश होगा, दो अक्टूबर को गांधी जयंती होगी, और तीन अक्टूबर को अग्रसेन जयंती और शारदीय नवरात्र होंगे। ऐसे में कोई 30 सितंबर को छह दिन की छुट्टी ले सकता है।