दिल्ली मे 69 पेड़ों को बचाने के लिए मेट्रो ने उठाया बड़ा कदम, फेज-4 का प्लान ही बदल दिया

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Delhi Metro Rail Corporation (DMRC) ने फेज-4 कंस्ट्रक्शन प्लान को बदलकर 69 पेड़ों को बचाया है। आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर को जनकपुरी वेस्ट से बदल दिया गया है। DMRC के अनुसार, फेज-4 में 15,508 पेड़ों को काटने या स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई थी। साथ ही, मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर में 71 पेड़ों को काटने की अनुमति अभी भी नहीं मिली है। DMRC ने इस बीच जनकपुरी वेस्ट से RK Ashram Road कॉरिडोर पर 69 पेड़ों को कटने से बचाने के लिए निर्माण योजना में बदलाव किया है। पहले भी इन पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी गई थी।DMRC अधिकारी ने बताया कि फेज-4 में कुल 15,508 पेड़ों को काटने या स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई है। 5003 पेड़ काट लिए जा रहे हैं और 7000 से अधिक पेड़ ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं। निर्माण के दौरान हर काटे गए और ट्रांसप्लांट किए गए पेड़ के लिए DMRC नियमों के अनुसार दस पौधे लगाए जाएंगे। निर्माण के दौरान डीएमआरसी पूरी कोशिश करती है कि पेड़ों वाले क्षेत्रों को बचाया जाए। DMRC ने कहा कि पेड़ों को काटने और ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी देरी से मिलने की वजह से फेज-4 के तीन कॉरिडोर का काम भी रुक गया है।DMRC का कहना है कि फेज-4 का काम दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था। कोविड ने काम पर प्रभाव डाला। DMRC ने इसके बाद तीन कॉरिडोर पर 65.2 किलोमीटर की दूरी पर 45 स्टेशन बनाने की शुरुआत की। इसमें जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर (28.92 किमी), मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर (12.55 किमी) और एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर शामिल हैं।सरकारी आंकड़ों के अनुसार डीएमआरसी ने फर्स्ट फेज के लिए 13,858 पेड़ काटे और 3584 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया। फेज-1 का काम 1998 में शुरू हुआ और 2005 में खत्म हुआ। 65 किलोमीटर रेल नेटवर्क में 59 स्टेशन थे। फेज-2 का काम 2005 से 2011 के बीच चला। इसमें डीएमआरसी ने 17,997 पेड़ काटे और 3052 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया। इस 125 किलोमीटर के हिस्से में 89 स्टेशन थे। फेज-3 को पूरा होने में 9 साल का समय लगा। इसमें डीएमआरसी ने 11,872 पेड़ काटे और 506 पेड़ ट्रांसप्लांट किए। फेज-3 में 160 किलोमीटर रेल नेटवर्क में 109 स्टेशन शामिल रहे।

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