मंगलवार सुबह 12 बजे, पश्चिमी यमुना बाईपास पर रेलवे पुल के निकट नहर के तट में पानी का तेज बहाव हुआ। यदि विभाग को समय रहते इसकी जानकारी नहीं दी गई तो यह आसपास के क्षेत्र के लिए खतरा बन सकता था। विभाग को सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। नहर के तट को मजदूरों, पोकलेन मशीन और मिट्टी भरे डम्परों द्वारा तेजी से मजबूत किया गया। एक्सियन, एसडीओ और जेई सहित दोनों डिवीजन के अधिकारी मौके पर मुस्तैद रहे। पानी का तेज बहाव कारण खोज रहा है।करनाल सिंचाई विभाग के एक्सियन रणबीर सिंह ने बताया कि रेलवे पुल के पास नहर की 125 फुट की चौड़ाई है और पूरी नहर की 200 फुट की चौड़ाई है। यहां पर पानी का बहाव इसलिए तेज हो जाता है। एकदम से कम जगह पर अधिक पानी आने से पानी के भंवर बनते हैं, जिससे पानी सीमैटिड किनारों में घुसकर मिट्टी में गिरता है। NARDI की उपजाऊ भूमि सहित अन्य किसानों को भी नुकसान हो सकता था अगर विभाग को समय रहते इसकी जानकारी नहीं मिलीविभागीय जानकारी अनुसार मौजूदा समय में पश्चिम यमुना नहर में 12 हजार क्यूसिक पानी का बहाव हो रहा है जबकि इसकी क्षमता 13,300 क्यूसिक बताई जा रही है। अधिक पानी आने का कारण पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात को बताया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते ह शाम तक सभी आलाधिकारी मौके पर डटे रहे।