तीन दिन पहले नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के न्यू उस्मानपुर क्षेत्र में हुई लूट में पुलिस की लापवाही जारी है। दरअसल, पुलिस ने पहले इस मामले में स्नैचिंग की जगह लूट का केस दर्ज किया था। पुलिस ने हरकत नहीं की जब बात आला अधिकारियों तक पहुंची। तीन दिन बीत चुके हैं। जांच अधिकारी अभी तक घटनास्थल नहीं देखा है। पीड़ित ने स्थानीय लोगों की मदद लेकर घटना का वीडियो बनाया है। जिससे स्पष्ट होता है कि लुटेरों ने पिस्टल के बल पर लूट की घटना की थी।26-27 अगस्त की रात करीब 3 बजे गांव से लौट रहे गौरव शुक्ला और उनके चाचा और भाई न्यू उस्मानपुर थाना क्षेत्र के साढ़े 3 पुश्ते पर लूट की घटना हुई। स्कूटी पर आए तीन बदमाशों ने पिस्टल दिखाकर बैग और दो मोबाइल लूट लिए। लैपटॉप और 6,500 कैश बैग में थे। पीड़ित ने पीसीआर कॉल की थी जब आरोपी भाग गए। इसके बाद वे थाने गए। बयान देने वाले पुलिस अधिकारी ने एसएचओ को बदनाम करने का हवाला देकर कहा कि वह पिस्टल नहीं रखना चाहता था। उसने यह भी कहा कि पिस्टल लिखवाने पर भी हम लिखेंगे नहीं।अगर लिखा भी तो तुम्हें ही बार-बार बुलाकर परेशान करेंगे। जिसके कारण पीड़ित ने पिस्टल वाली बात बयान से हटा दी थी। जिसकी मदद से पुलिस ने लूट के केस को स्नैचिंग का केस बना दिया था।28 अगस्त को पीड़ित को आईओ ने फोन किया और उसे थाने में पहुंचने को कहा, जैसा कि बात मीडिया में चली गई। हालाँकि, आईओ ने कुछ देर बाद एक बार फिर फोन किया और कहा कि मैं वहां आकर सीसीटीवी फुटेज देखूंगा। पीड़ित उस समय अपने काम पर गया था। रात 8 बजे आईओ ने फोन करने को कहा था। पीड़ित ने उन्हें फोन किया, लेकिन आईओ ने फोन नहीं उठाया। कुछ देर बाद दूसरे पुलिस अधिकारी से फोन किया। हम दोनों आने वाले थे, जिसने बताया कि आईओ के रिश्तेदार की बेटी की तबीयत खराब हो गई है, लेकिन अब नहीं आ पाएंगे। पीड़ित से पुलिस ने इसके बाद संपर्क नहीं किया।हताश पीड़ित ने खुद लोगों की मदद से इलाके में लगे कैमरे की फुटेज निकलवाई।वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, स्नैचिंग के केस को लूट केस में बदला जा रहा है। साथ ही आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। जल्द वो भी पकड़ लिए जाएंगे। वहीं जिन पुलिसवालों ने लूट के केस को स्नैचिंग का केस बनाया उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।