कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में सांसदों को लड़ाने से इनकार करने के बाद एक और बड़ा निर्णय लिया है। कांग्रेस दो या इससे अधिक बार चुनाव हारने वालों को टिकट नहीं देगी। पार्टी में एक वर्ष या इससे कम समय पहले शामिल हुए नेताओं को भी टिकट नहीं मिलेगा।पार्टी केवल पुराने सदस्यों पर जोर देगी। इन निर्णयों की पुष्टि हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने की है। वीरवार को भी दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें राज्य के 25 विधानसभा हलकों पर विचार हुआ। कांग्रेस ने बुधवार को बैठक के पहले दिन किसी भी राज्यसभा सदस्य या सांसद को विधानसभा चुनाव का टिकट देने से इनकार कर दिया। अब दावेदारों को जो दो या दो बार से अधिक बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, उनका नाम भी काट दिया गया है। जिन नेताओं को कांग्रेस में एक साल या इससे कम समय हुआ है, उन्हें भी टिकट नहीं मिलेगा।कांग्रेस के इस फैसले से भी कई नेताओं की परेशानी बढ़ने वाली है, क्योंकि पिछले एक साल में कांग्रेस में 20 से अधिक पूर्व विधायक शामिल हुए हैं।कमेटी अध्यक्ष अजय माकन, सदस्यों मणिकम टैगोर, जिग्नेश मेवानी और श्रीनिवास बीवी के साथ प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के दूसरे दिन भाग लिया। बैठक में इस बात पर समझौता होने की कोशिश की जा रही है कि प्रत्येक सीट के पैनल में केवल एक नाम कांग्रेस हाईकमान को भेजा जाए।पार्टी ने दो बार चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट नहीं देने का फैसला किया है। यह एक कारण है कि उनके टिकट कट सकते हैं। तीन बार चुनाव हार चुके उम्मीदवारों को टिकट नहीं देना नीतिगत निर्णय है। पार्टी भी इस बार भ्रष्ट लोगों को चुनावी बहस से दूर रखने पर गंभीरता से विचार कर रही है। पिछले दिनों, आवेदन करने वालों से बूथ कमेटियों की सूची भी मांगी गई थी; अगर कोई दावेदारों ने ऐसा नहीं किया, तो उनके नामों पर कैंची चल सकती है।