महिला ने 21 अगस्त को फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में डिलीवरी करते समय गलत तरीके से अपनी बच्ची को जन्म दिया। बाद में पीड़िता महिला के पति, सास और मां ने चार नर्सों पर मारपीट और जबरन जन्म देने के गंभीर आरोप लगाए। बादशाह खान सिविल अस्पताल में मृत नवजात बच्ची का पोस्टमार्टम हुआ था। तीन नंबर पुलिस चौकी इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन पीड़ित को अभी तक न्याय नहीं मिला है। पीड़िता को एक निजी अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है। पीड़िता ने अब पूरे मामले को खुद बताया है।पीड़िता वर्षा ने बताया कि जब उसे लेबर पेन हो रहा था, उसकी मां ने स्टाफ नर्स से डिलीवरी करने के लिए 3,000 रुपए मांगे थे. जब वह नर्सों से मिलकर डिलीवरी कर रही थी, चारों ने उसे बुरी तरह पीटा और उसके पेट और गुप्तांग पर लात मार दी। वर्षा ने कहा कि मारपीट के दौरान उसे बेड से गिरा दिया गया, फिर बेड पर डाला गया और फिर उसके साथ मारपीट की गई। उसके बच्चे को जबरदस्ती डिलीवरी दी जा रही थी। इस दौरान उसके शरीर पर दो जगह कट लगाए गए थे।इसके बाद उसकी आंखों के आगे अंधेरा होने लगा और उसे कुछ पता नहीं चला, बाद में जब उसे होश आया तो बताया गया कि उसने बच्ची को जन्म दिया था जिसकी मौत हो चुकी है। पीड़िता ने बताया कि उसकी बच्ची की मौत की जिम्मेदार यदि कोई है तो उसके साथ मारपीट करने वाली वह चारों स्टाफ नर्स है।इस मामले में पीड़िता वर्ष की मां रेखा और उसकी सास ने बताया कि घटना को लगभग दस दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनकी बहू को मारपीट करने वाली चारों नसों को अभी तक उनके सामने नहीं लाया गया है। अब पुलिस भी उन पर निर्णय लेने का दबाव डाल रही है। पुलिस जाकर उन्हें धमकाती है। वर्षा की मां रेखा ने बताया कि आरोपी चार नर्सों में से हर रात एक आता है और उन पर निर्णय लेने का दबाव डालता है। यहां से न्याय की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।