अब चुनावों के दौरान आम जनता की भावना को समझने के लिए किए जा रहे सर्वे में लगता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सबसे अधिक लोकप्रिय हो गई है। हाल ही में आउटलुक-हंसा सर्वे ने बताया कि प्रदेश के 53 प्रतिशत मतदाता भाजपा को तीसरी बार सत्ता में देखना चाहते हैं, जबकि कांग्रेस केवल 44 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से बहुत पीछे है। भाजपा जनता के अनुसार सबसे अधिक सीटों पर जीतने जा रही है, जबकि आप, जजपा और अन्य पार्टियां कई गठबंधनों के गुणा भाग करने के बाद भी चुनाव से बाहर ही दिख रही हैं।उस सर्वे में प्रदेश की सभी विधानसभाओं में 8,670 से अधिक पुरुषों और 5,670 से अधिक महिलाओं की राय ली गई, जिसमें लिंग, जाति, वर्ण और स्थान का विशेष ध्यान रखा गया था। Sirve ने कहा कि चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है, जबकि कांग्रेस दूसरे स्थान पर है. अन्य दल अभी भी चुनाव में कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।केंद्रीय और राज्य स्तरों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने महिला मतदाताओं की आवश्यकताओं को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं का रुझान भाजपा की ओर जाता दिख रहा है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महिला सशक्तिकरण संबंधी नीतियों से भी प्रदेश में भाजपा लाभान्वित हो रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी खास तौर पर महिला वोटरों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यही कारण है कि नायब सिंह सैनी को 41% महिला मतदाताओं ने मुख्यमंत्री पद के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार माना है।भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा से विकासवादी राजनीति का प्रदर्शन किया है, जबकि कांग्रेस में पद की इच्छा से गुटबाजी दिखाई देती है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई स्पष्ट चेहरा नहीं है, लेकिन सर्वे के अनुसार 29 प्रतिशत वोटरों के बीच नायब सिंह सैनी लोकप्रिय हैं।भाजपा की चुनावों में बढ़ती लोकप्रियता से दूसरे दलों के कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी की ओर झुका रहे हैं। इससे किरण चौधरी, जोगीराम सिहाग, रामकुमार गौतम, देवेन्द्र बबली और संजय कबलाना जैसे वरिष्ठ विधायकों और क्षेत्रीय नेताओं ने जनता की भावना को समझते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है। अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा, पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान और कई युवा कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा इस सर्वे और जनता के विश्लेषण के अनुसार आसानी से बहुमत प्राप्त करती दिख रही है. हालांकि, राजनैतिक गतिविधियों की ओर बढ़ने के साथ, 8 अक्टूबर को सियासत का यह ऊंट क्या करता है, यह देखना दिलचस्प होगा।