किसानों के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक खुशखबरी भरी खबर दी है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रति गाय 30 हजार रुपये का वार्षिक अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर शहर में पशु चिकित्सक, प्रशासक या सचिव नगर-निकाय तथा गौशाला के प्रतिनिधियों की एक समिति गौशालाओं में गौवंश की संख्या की तस्दीक करेगी। शहरों में बेसहारा गौवंशों को पकड़ने के लिए गौशालाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो एक RFID टैग द्वारा निगरानी करेंगे। उनका दावा था कि गौशालाओं की संपत्ति पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
पंचकूला में आज आयोजित गौसेवा सम्मेलन में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने यह घोषणा की। इस मौके पर, उन्होंने रिमोर्ट का बटन दबाकर गौशाला एवं गौसदन विकास योजना के तहत गौशालाओं को चारा अनुदान के लिए वित वर्ष 2024-25 के लिए 32.73 करोड़ रूपये की पहली किस्त दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 22 जिलों की प्रत्येक गौशाला को गौशाला एवं गौसदन विकास योजना के तहत धनराशि के चैक दिए। इसके अलावा, उन्होंने वर्ष 2022–2023 में शेष 51 गौशालाओं को 3.23 करोड़ रुपये का तृतीय चारा अनुदान दिया। उनके अलावा, वे बेसहारा गौवंश पुनर्वास अभियान के तहत 42 पंजीकृत गौशालाओं को 29.36 लाख रुपये की धनराशि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय का दूध अमृत की तरह है। वैज्ञानिक अध्ययनों ने भी दिखाया है कि देशी गाय का दूध ए-2 आनुवांशिकी के कारण हृदय रोगों और डाइबिटीज से बचाव और उपचार में बहुत फायदेमंद है। गाय का दूध मां का दूध की तरह गुणकारी होता है। भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार, गाय का दूध अमृत है और गोबर और गोमूत्र भी बहुत फायदेमंद हैं। इन वैज्ञानिक तथ्यों को देखते हुए, हमें देसी गौवंश की महत्ता को फिर से समझना होगा और उनके संरक्षण और विकास के लिए और ठोस कदम उठाने होंगे ताकि हम गौधन को सुरक्षित रख सकें, जो हमारी अनमोल संपत्ति है।