सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम की जमानत याचिका पर आज दो जजों की पीठ ने फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने उन पर शर्त लगाते हुए कहा कि वे अपना पासपोर्ट दे दें। हर सोमवार को उन्हें थाने में गवाही देनी होगी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करें। उन्हें कोर्ट ने सचिवालय जाने की अनुमति दी है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने छह अगस्त को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सिसोदिया को रिहा करने के बाद संजय सिंह ने केंद्र सरकार को घेर लिया।AAP नेता संजय सिंह ने कहा, ‘ये आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत है। न्याय अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन को जल्द ही मिलेगा। देश के प्रधानमंत्री मनीष सिसोदिया की 17 महीने की विफलता का क्या जवाब देंगे? दिल्ली के बच्चों को 17 महीने की बर्बादी का हिसाब कौन देगा, योग्य शिक्षा मंत्री के रूप में मनीष सिसोदिया।उन्होंने कहा कि भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है, विपक्षियों को गिरफ्तार कर जेल में डालना। तुमने मनीष सियोदिया के घर से एक रुपया भी नहीं बरामद किया, कोई संपत्ति या गहना नहीं मिला, फिर भी तुम्हें 17 महीने जेल में रखा गया। ED ने हमेशा समय की मांग की और मामले को टरकाया। आज उन सब पर ब्रेक लगा है, जो हमारे लिए एक बहुत अच्छी खबर है।दिल्ली सरकार के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘कोर्ट इस बात को मान रहा है कि ED ने बिना ट्रायल के मनीष सिसोदिया को 17 महीने जेल में रखा। ट्रायल के बिना किसी व्यक्ति को 17 महीने जेल में कैसे रख सकते हैं? वे भी अपना कार्यालय फिर से ले सकते हैं। वे आज शाम या कल शाम तक जेल से छुट्टी मिल जाएगी।दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “एक झूठे केस में फंसाकर जेल में रखा गया।” आज भारत का इतिहास क्रांति के इतिहास में दर्ज होगा। मनीष सिसोदिया आज जमानत पा चुके हैं। आज शिक्षा और सच्चाई विजयी हैं। जिस स्कूल का मनीष सिसोदिया ने शिलान्यास किया था, आज उसका उद्घाटन हो रहा है।’दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा हमेशा न्यायालय का सम्मान करती है, मनीष सिसोदिया को जमानत देने के फैसले का भी सम्मान करते हैं। यह महसूस करना चाहिए कि मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के सभी सदस्यों को पता होना चाहिए कि मनीष सिसोदिया फिलहाल जेल में हैं, न कि अपराध से छुटकारा पाया गया है। हम आम आदमी पार्टी के नेताओं की खुशी को समझ सकते हैं कि सिसोदिया को जमानत मिल गई, लेकिन आज न्यायालय के फैसले को मानने के मामले में उनका गुस्सा भी स्पष्ट है। गत सप्ताह दिल्ली नगर निगम के एल्डरमैन निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय ने लोकतंत्र की हत्या बताया, वही लोग आज सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को न्याय की जीत बता रहे हैं।