चार दिन के भीतर हरियाणा के यमुनानगर जिले के खानुवाला गांव में ऐसा नुकसान दूसरी बार देखा गया। गांव अब डूब गया है क्योंकि बसंती सोन नदी का तटबंध फिर से टूट गया है। गांव में बाढ़ आने के बाद से कोई भी व्यक्ति पीड़ितों के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।11 अगस्त को सोमनदी उफान पर थी। इस दौरान बिलासपुर और छछरौली में दो तटबंध टूट गए। इससे कई गांव जलमग्न हो गए, जिसमें सबसे अधिक नुकसान खानूवाला गांव को हुआ था। इस गांव में स्वतंत्रता दिवस पर पानी की इतनी स्वतंत्रता देखने के कारण उन ग्रामीणों का दर्द अभी भी भरा नहीं था।उस समय लोगों ने छत पर कुछ सामान रखा हुआ था, और कोई बाल्टी से घर से पानी निकालता नजर आया। गांव के बीच की सड़क अब दरिया है। यही हाल खानूवाला गांव में है। 4 दिन के भीतर इस गांव में पानी ने दूसरी बार अपना भयानक रूप दिखाया है। लेकिन प्रशासन को कोई चिंता नहीं है। कोई सुध लेने वाला या मदद करने वाला नहीं है।लोगों की मदद करने के लिए संस्थाएं या गुरुद्वारा ही आगे आए हैं, जो घर-घर खाना और पानी देते हैं। पीड़ितों का कहना है कि हमारे घर का सब कुछ नष्ट हो गया है। खेतों में फसल खराब है। पीड़ितों ने प्रशासन और सरकार को इस असफलता का दोषी ठहराया है। हालात बहुत खराब हैं, बकौल गुरमेल सिंह, परविंदर सिंह, मनदीप सिंह, बृजभूषण सिंह और कुलविंदर सिंह। लेकिन प्रशासन और सरकार ने कोई सहायता नहीं दी है। उन्हें बताया गया है कि गांव में चार दिन में दूसरी बार पानी घुस गया है। घर में कोई कमाने वाला नहीं है और उनका सारा सामान खराब हो गया है।