हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में गुटबाजी जारी है। सिरसा से सांसद और सीएम पद की दावेदारी ठोक रही कुमारी सैलजा ने अब सोनिया गांधी से मुलाकात की है। मुलाकात के कई अर्थ निकाले जाते हैं। क्योंकि हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अलग-अलग पार्टियों में विभाजित देखा जा रहा है।दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का एक गुट है। सैलजा एक कुमारी है और सुरेजावाला का तीसरा गुट है। इन तीन धड़ों में अब खींचतान हो रही है। सोनिया गांधी ने पहले ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी, और उन्हें कहीं न कहीं फ्री हैंड दिया गया है। यही कारण है कि कुमारी सैलजा भी कुछ ऐसा चाहती है। हालाँकि, उनके मार्ग में कई बाधा भी हैं। क्योंकि हुड्डा गुट संगठन पर दबाव डालता है हुड्डा को भी प्रदेशाध्यक्ष उदयभान पसंद हैं।यह महत्वपूर्ण है कि पिछले दो चुनावों में महासचिव सैलजा प्रदेश कांग्रेस की कमान चाहती थी और इसके लिए प्रयास भी किए गए हैं। लेकिन हुड्डा के सामने उसने टिक नहीं पाया। सोनिया गांधी से मुलाकात का कारण माना जाता है कि संगठन में सैलजा के लोगों की संख्या कम है और वह चुनाव के दौरान अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने की कोशिश कर रही है।सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि बुधवार को बैठक में उदयभान के साथ बहसबाजी की खबरें सिर्फ मीडिया में हैं। कुछ भी नहीं हुआ है। सैलजा ने इस मुद्दे पर अधिक कुछ नहीं कहा और विनेश फोगाट को बताया कि उन्हें टिकट देना हाईकमान की जिम्मेदारी है।मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक हुई। इस बैठक में कुमारी सैलजा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के बीचर में झगड़ा हुआ और बहसबाजी हुई। जबकि उदयभान ने कहा कि उन्हें बुलाया जाता है, लेकिन वह नहीं आती, सैलजा ने कहा कि उन्हें किसी भी कार्यक्रम में तरजीह नहीं दी जाती है।हरियाणा में कांग्रेस में हुए विभाजनों को देखते हुए हुड्डा, सैलजा और सुरेजावाला ने चुनाव से पहले विभिन्न पदयात्राएं कीं। कोई भी एक दूसरे की पदयात्राओं में शामिल नहीं हुआ। हुड्डा ने पहले पदयात्रा की, फिर 27 जुलाई से सैलजा ने यात्रा की, और अब सुरेजेवाला यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में गुटबाजी स्पष्ट है।