शनिवार सुबह चरखी दादरी जिले के निजी अस्पताल संचालकों ने पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या मामले पर रोष प्रकट किया। नगराधीश आशिष सांगवान ने डीसी कैंप कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र प्राप्त किया। इससे दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए थी। वहीं, आईएमए ने निजी अस्पताल संचालकों से कहा कि वे अपने संस्थानों में ओपीडी नहीं करेंगे।
पश्चिम बंगाल की घटना से दादरी जिले के चिकित्सकों में भी गुस्सा है। IAMA के आह्वान पर शनिवार को निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखने के लिए चिकित्सक एकत्र हुए, फिर DC कैंप कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए पहुंचे। उन्होंने वहां आईएमए जिला प्रधान डॉ. योगेंद्र देशवाल की अगुवाई में नगराधीश को ज्ञापन सौंपकर कार्यक्रम को समाप्त कर दिया। साथ ही, 17 अगस्त की सुबह 6 बजे से 18 अगस्त की सुबह 5 बजे तक निजी अस्पतालों में आम ओपीडी बंद रखी गई, सिर्फ आपातकालीन मरीजों को देखने के लिए। दादरी में लगभग सौ निजी अस्पताल हैं। इनमें से सत्तर शहरी अस्पताल हैं, जबकि चालीस ग्रामीण अस्पताल हैं। आईएमए पदाधिकारियों की मानें तो इन अस्पतालों की दैनिक ओपीडी 5000 से पार रहती है।
एसोसिएशन के निर्णय अनुसार जिले के करीब 100 निजी अस्पतालों में शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक सामान्य ओपीडी बंद रखी गई। इसके अलावा जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।