शालीमार बाग क्षेत्र की सीए झुग्गी बस्ती में करंट लगने से सात वर्षीय बच्चे की मौत में भी प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया गया है। दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डूसिब) के शौचालय के बाहर एक खाली स्थान खुलेआम ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन बन गया।बच्चे की जान बच सकती थी अगर डूसिब ने शौचालय की दीवार पर चार्जिंग प्वाइंट नहीं लगाने दिया होता।शौचालय की दीवार पर एक खुला स्विच बोर्ड है। वर्षा से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।यही नहीं, शौचालय के भीतर ही बिजली की आपूर्ति की जाती थी। यह अलग है कि बिजली कनेक्शन न होने के कारण ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन संचालक ही शौचालय को अपने कार्यालय से बिजली दे रहा था।बता दें कि कल मंगलवार सुबह शालीमार बाग की सीए झुग्गी बस्ती में सात वर्षीय सूरज की करंट लगने से मौत हो गई जब वह शौचालय जा रहा था। पड़ोसियों ने बताया कि शौचालय के गेट के सामने कई ई-रिक्शा खड़े थे। रास्ता न होने के कारण सूरज ई-रिक्शा से सटकर करंट की चपेट में आ गया और मर गया।दैनिक जागरण की पड़ताल बुधवार को पता चला कि शौचालय के मुख्य दरवाजे के बायीं ओर गेट के पिलर और दायीं ओर दीवार पर स्विच बोर्ड लगे हुए थे।शौचालय के भीतर लगे सब-मीटर दीवार पर लगे स्विच बोर्ड में बिजली देता था।दोनों स्चिव बोर्ड को वर्षा से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। स्थानीय निवासी सावित्री देवी और रानी देवी ने बताया कि शौचालय के आसपास कई ई-रिक्शा खड़े हैं।ई-रिक्शा चार्ज करने के लिए कई स्थान हैं।हादसे के समय भी ई-रिक्शा को शौचालय की दीवार पर लगे स्विच बोर्ड से चार्ज किया जाता था।50 से अधिक ई-रिक्शा शौचालय के बाहर खड़े हैं। इनमें से अधिकांश ई-रिक्शा लिबासपुर गांव के एक व्यक्ति ने बनाए हैं। वह किराए पर ई-रिक्शा प्रदान करता है। इसी स्थान पर चार्जिंग करता है। पड़ोसियों में से एक ने बताया कि शौचालय को बिजली कनेक्शन नहीं है।ई-रिक्शा किराए पर देने वाले व्यक्ति ने अपने कार्यालय से शौचालय को बिजली आपूर्ति दे रखी है।बस्ती के लोगों का कहना है कि कई लोग करंट लग चुके हैं। सावित्री देवी ने बताया कि उनके बेटे कुलजीत को ई-रिक्शा चार्जिंग करते समय दो बार करंट लग गया था।यहां पांच साल पहले एक युवक की मौत हो गई थी, स्थानीय पार्षद रेखा गुप्ता ने बताया। रेखा गुप्ता ने कहा कि लोगों की जान से खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।अधिकारियों की मिलीभगत से यहां ई-रिक्शा अवैध रूप से चार्ज कर रहे हैं।