दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने पहली बार अवैध ई-रिक्शों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया, जिसमें 114 ई-रिक्श पकड़े गए। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, इन अवैध ई-रिक्शों को शुक्रवार की सुबह पिट पर जमा करके रखा गया, ताकि इनका दोबारा इस्तेमाल न हो सके। इसके लिए विशेष रूप से कुछ मशीनें भर्ती की गईं। अब इन क्रश किए गए ई-रिक्शों को अगले हफ्ते नीलामी करके स्क्रैप डीलरों को दिया जाएगा।ट्रांसपोर्ट विभाग के सूत्रों ने बताया कि ये कार्रवाई बुराड़ी और सराय काले खां में ट्रांसपोर्ट विभाग के पिट पर की गई थी। इन दोनों स्थानों पर बहुत से अवैध ई-रिक्शे जमा करके रखे गए हैं। नियमों के अनुसार, बिना नंबर प्लेट वाले अवैध ई-रिक्शों को एक हफ्ते के अंदर डिस्पोज किया जा सकता है, जबकि नंबर प्लेट वाले वैध ई-रिक्शों को तीन महीने के अंदर डिस्पोज किया जा सकता है।इस महीने की शुरुआत में उप-राज्यपाल ने ट्रांसपोर्ट विभाग को अवैध ई-रिक्शों को सख्ती से रोकने का आदेश दिया था, जिसके परिणामस्वरूप ई-रिक्शे जब्त कर लिए गए। एलजी ने पिछली रिव्यू मीटिंग में कहा कि अवैध ई-रिक्शे केवल जब्त करके नहीं रखे जाएं और उन्हें सीधे स्क्रैप डीलरों को नीलाम किया जाए; इसके बजाय, स्क्रैप डीलरों को देने से पहले उन्हें अच्छी तरह से क्रश किया जाए, ताकि चोरों को फिर से सड़कों पर आने का अवसर ना रहे। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे हजारों अवैध ई-रिक्शे ट्रांसपोर्ट विभाग के कई पिट्स पर पकड़े गए हैं। सभी को जल्द ही इसी तरह क्रश किया जाएगा।इनमें ज्यादातर तीन पहियों वाले अवैध टू सीटर ई-रिक्शे और बिना नंबर प्लेट वाले पुराने फोर सीटर ई-रिक्शे शामिल हैं।ट्रांसपोर्ट विभाग ने अगस्त की शुरुआत में एलजी के निर्देश पर अवैध ई-रिक्शों को जब्त करने का अभियान शुरू किया था, जो अब तेजी से जारी है। अगस्त के 28 दिनों में पुलिस ने 1700 से अधिक अवैध ई-रिक्शे बरामद किए। पिछले हफ्ते में प्रतिदिन करीब सौ अवैध ई-रिक्शे पकड़े गए हैं। अधिकारियों ने 1 अगस्त से 28 अगस्त तक कुल 1,777 अवैध ई-रिक्शे पकड़े, जबकि 1 जनवरी से 31 जुलाई तक महज 866 ई-रिक्शे पकड़े गए थे।