दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सर्दियों में जानलेवा प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश की व्यवस्था की है। उन्हें क्लाउड सीडिंग की फिजिबिलिटी के बारे में सभी स्टेकहोल्डरों की बैठकों के लिए केंद्र को पत्र लिखा गया है। यूनियन एनवायरमेंट मिनिस्टर भूपेंद्र यादव को गोपाल राय ने पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि नवंबर महीने में राजधानी में वायु प्रदूषण उच्च स्तर पर पहुंच जाता है, जो चिंताजनक है। इसलिए, उस समय इमरजेंसी मेजर के रूप में क्लाउड सीडिंग का विश्लेषण करना आवश्यक हो रहा है। दिल्ली को जानलेवा प्रदूषण से बचाने के लिए हर उपाय खोजना आवश्यक है।कृत्रिम बारिश से प्रदूषण से तुरंत राहत मिलने की गुंजाइश अधिक लग रही है।आर्टिफिशियल रेन बनाने में क्लाउड सीडिंग सबसे महत्वपूर्ण चरण है। दिल्ली सरकार इस प्रक्रिया को लागू करने पर पूरी तरह से विचार कर रही है। 2023 में भी इस प्रक्रिया को गंभीर प्रदूषित दिनों में करने की योजना थी, जिस पर आईआईटी कानपुर ने एक प्रेजेंटेशन भी दिया था। केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों से क्लाउड सीडिंग तकनीक की अनुमति नहीं मिलने से इसमें सफलता नहीं मिली।गोपाल राय ने अपने पत्र में कहा कि कृत्रिम बारिश को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और आईएमडी के साथ अन्य आवश्यक निकायों की एक बैठक की जरूरत है।बुधवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी विंटर एक्शन प्लान को लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अभी से तैयारी की है। गोपाल राय ने कहा कि हमारी सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण को कम करने के लिए तेजी से योजना बनाई है। विभागीय स्तर पर बहुत सारे कार्य किए जा रहे हैं।