गुरुवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), दिल्ली नगर निगम (MCD) और सर्वे ऑफ इंडिया (SoI) ने दिल्ली में सरकारी जमीन पर कब्जे की समस्या को हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। यह समझौता अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के लिए ड्रोन सर्वे की मदद से जमीन का सटीक रिकॉर्ड बनाना चाहता है।दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कई बैठकों में सरकारी जमीन के रिकॉर्ड पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने खुद इस पूरे मामले की निगरानी की और तीनों एजेंसियों को मिलकर एक समाधान खोजने को कहा। यही नहीं, अदालतों ने कई बार इसकी चिंता जताई थी और सरकारी एजेंसियों को नवीनतम तकनीक का उपयोग करके जमीन का सही-सही नक्शा बनाने का आदेश दिया था।इस अनुबंध के तहत, दिल्ली को हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे वाले ड्रोन से सर्वे किया जाएगा। प्राप्त चित्रों से जमीन पर बनी संरचनाओं और खसरा नंबरों का पता लगाना आसान होगा। ड्रोन सर्वे को अतिक्रमण का आसानी से पता लगाने और उस पर नजर रखने की क्षमता मिलेगी।एक अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना में ऊंचाई मापने वाले मॉडल का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे ऊंचाई से जुड़े अतिक्रमण की पहचान की जा सकेगी। इससे पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने में सहायता मिलेगी।इस समझौते का उद्देश्य भौगोलिक डेटा बनाना है जिसका उपयोग DDA, MCD और दिल्ली सरकार के अन्य विभागों (राजस्व, आवास, शहरी विकास, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, पर्यावरण, कृषि और आपदा प्रबंधन) कर सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और सभी क्षेत्रों को कवर किया जा सकेगा।